वेरिएबल
डिक्लारेशन (वेरिएबल की घोषणा)
प्रोग्राम
मे आकड़ो या डाटा को उपयोग करने के लिए उसे एक नाम दिया जाता हैं जिसे हम वेरिएबल
के नाम से जानते हैं। पर यह नामकरण कैसे होता हैं इसका एक विधि होती हैं जिसे हम
इस सेक्शन मे जानेंगे। सबसे पहले आप को यह पता होना चाहिए की नामकरण की इस
प्रक्रिया को सी भाषा मे वेरिएबल घोषणा तथा अँग्रेजी मे वेरिएबल डिक्लारेशन कहते
हैं।
वेरिएबल
के नाम का चयन निम्न बिन्दुओ के आधार मे किया जाता हैं।
1 –
एक वेरिएबल-नेम अल्फा-न्यूमेरिक अक्षरो का समूह हो सकता हैं। जैसे std12, a1, a2 ये सभी मान्य हैं।
2 –
किसी भी वेरिएबल-नेम का पहला अक्षर न्यूमेरिक (नंबर) नहीं होना चाहिए। जैसे 1a, 2std ये अमान्य हैं।
3 –
किसी भी वेरिएबल-नेम का पहला अक्षर अल्फाबेट या अंडरस्कोर “_” से प्रारम्भ होना
चाहिए। std, a24, _gh, _nam आदि मान्य हैं।
4 –
वेरिएबल-नेम केस सेंसेटिव होते हैं यानि std और Std दोनों अलग अलग वेरिएबल-नेम हैं, क्योंकि पहले मे प्रयुक्त सभी अक्षर छोटे हैं, पर
दूसरे वेरिएबल-नेम मे पहला अक्षर बड़ा हैं।
5
- की-वर्ड वेरिएबल-नेम के रूप मे उपयोग
नहीं किया जा सकता हैं।
6 – वेरिएबल-नेम
के बीच मे कोई भी स्पेशल कैरेक्टर उपयोग नहीं किया जा सकता हैं। जैसे सेमीकालम, हैश, डॉलर, व्हाइट-स्पेस आदि वर्जित हैं।
अब
देखते हैं की वेरिएबल का डिक्लारेशन (वेरिएबल को परिभाषित) कैसे करते हैं। वेरिएबल
को परिभाषित करने के लिए डाटा टाइप और वेरिएबल नेम (आइडेंटिफ़ायर्स) की आवश्यकता
होती हैं। जैसे
1 – अगर आप बिना दशमलव की संख्या को स्टोर
करने के लिए वेरिएबल बना रहे हैं तो आपको इंटीजर डाटा टाइप का चयन करना चाहिए।
इंटीजर डाटा टाइप मुख्य रूप से तीन प्रकार से उपयोग किए जा सकते हैं।
1- इंटीजर
2- शॉर्ट इंटीजर
3- लॉन्ग इंटीजर
1 –
इंटीजर
इंटीजर
मे वेरिएबल को परिभाषित करने के लिए int कीवर्ड का उपयोग करते हैं। अगर आप -32768 से 32767 तक
संख्या को स्टोर करने के लिए वेरिएबल बनाना हैं तो निन तरीके से आप लिखे।
int a ; या signed int a;
यदि
आप 0 to 65,535 तक की संख्या को वेरिएबल मे स्टोर करना
चाहते हैं तो निम्न तरीके से आपको वेरिएबल परिभाषित करना होगा।
unsigned int a;
2 –
शॉर्ट इंटीजर
शॉर्ट
इंटीजर मे वेरिएबल परिभाषित करने के लिए short int कीवर्ड का इस्तेमाल करते हैं। 0
से 255 तक की वैल्यू को स्टोर करने के लिए निम्न तरीके से लिखना होता हैं।
Unsigned
short int a;
और
-128 से 127 तक की वैल्यू को स्टोर करने के लिए निम्न तरीके से लिखा जा सकता हैं।
Signed
short int a; या short int a;
3 –
लॉन्ग इंटीजर
लॉन्ग
इंटीजर वेरिएबल को परिभाषित करने के लिए long int कीवर्ड का इस्तेमाल करते हैं।
तथा आप -2,147,483,648 से 2,147,483,647 तक की वैल्यू को वेरिएबल
मे स्टोर करने के लिए signed long int का इस्तेमाल करते हैं तथा 0 से 4,294,967,295 तक की वैल्यू को स्टोर करने के लिए unsigned long int लिखना होता हैं।
2 – अगर आपको दशमलव संख्या को स्टोर करना चाहते
हैं तो आप निम्न तरीके से कर सकते हैं जैसे –
float a ;
double a;
long double a;
float
का इस्तेमाल आप जब करते हैं जब आपको दशमलव युक्त किसी संख्या को वेरिएबल
मे स्टोर करना हो। इसकी रेंज 1.2E-38 से 3.4E+38 तथा इससे ज्यादा रेंज
की संख्या को स्टोर करने के लिए double का इस्तेमाल करते हैं जिसकी रेंज 2.3E-308 से 1.7E+308 हैं और इससे भी ज्यादा
रेंज की संख्या को स्टोर करने के लिए long double
डाटा टाइप का इस्तेमाल करते हैं। जिसकी रेंज 3.4E-4932 से 1.1E+4932 तक होती हैं
वेरिएबल
initialization
वेरिएबल
इनीसियलाइज़ेशन का तात्पर्य वेरिएबल को प्रथम बार कोई वैल्यू देना कहलाता हैं।
वेरिएबल को परिभाषित करने के बाद, वेरिएबल मे पहली बार कोई वैल्यू इन्सर्ट करने की प्रक्रिया वेरिएबल इनीसियलाइजेशन
कहलाता हैं। जैसे
int a ;
अभी
अभी हमने ऊपर एक वेरिएबल को परिभाषित किया हैं, जिसका प्रकार हमने int रखा हैं। यह
कम्प्युटर की मेमोरी मे 2 byte की जगह लेगा, जिसमे आप -32768 से 32767 तक की संख्या को वैल्यू के रूप मे इस वेरिएबल
मे स्टोर कर सकते हैं।
a = 2;
अब
आप देखेंगे की a की
परिभाषा के बाद यह पहला मौका हैं जहां पर हम a नाम के स
वेरिएबल मे कोई वैल्यू को स्टोर कर रहे हैं। यह प्रक्रिया वेरिएबल इनीसियलाइजेशन
कहलाती हैं।
वेरिएबल असाइनमेंट
वेरिएबल
असाइनमेंट का तात्पर्य हैं, की वेरिएबल मे स्टोर पुरानी वैल्यू को हटकर उस वेरिएबल मे कोई नई वैल्यू
को स्टोर कर देना। कोई भी वेरिएबल प्रोग्राम के क्रियान्वयन के समय कई बार उपयोग
मे लाया जाता हैं, इस दौरान कई बार उसकी वैल्यू को प्रोग्राम
प्रोसेस करता हैं और पुरानी वैल्यू की जगह नई वैल्यू को स्टोर कर देता हैं।
जैसे
int a;
ऊपर
दिया कोड वेरिएबल डिक्लारेशन हैं, जहा पर a नाम का वेरिएबल बनाया हैं, जिसका प्रकार int (इंटीजर) हैं।
a = 2;
ऊपर
हमने वेरिएबल को वैल्यू 2 से इनीसियलाइज किया हैं।
a = 5 ;
अब
आप देख रहे हैं की a मे 5 को स्टोर किया गया हैं, क्योंकि 5 पहली वैल्यू
नहीं हैं जो a मे स्टोर की गई हो, इसके
पहले 2 को a मे स्टोर किया जा चुका हैं। इस लिए इस बार जब 5
को a मे स्टोर किया गया तो, यह
प्रक्रिया असाइनमेंट कहलाई जाएगी।
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