सी
मे कॉन्स्टेंट
सी
भाषा मे कॉसटेंट एक इकाई हैं। जो प्रोग्राम मे वैल्यू को होल्ड करने के लिए उपयोग
मे लाया जाता हैं। और पूरे प्रोग्राम मे इसकी वैल्यू कभी भी नहीं बदलती हैं यानि
इसकी वैल्यू फ़िक्स्ड रहती हैं। सी भाषा मे निम्न कॉन्स्टेंट होते हैं।
इंटीजर कॉन्स्टेंट :
इंटीजर
कॉन्स्टेंट डिजिट का समूह होता हैं जिसमे आवश्यकता के अनुसार अलग अलग डिजिट को
समूह कर अपनी अवश्यता की संख्या का निर्माण किया जाता हैं जो की बिना दशमलव का
होता हैं। इंटीजर कॉन्स्टेंट मुख्य रूप से तीन प्रकार के होते हैं जो की निम्न दर्शाये
गए हैं।
1 – decimal constant
2 - octal constant
3 – hexadecimal constant
डेसिमल
कॉन्स्टेंट : डेसिमल
इंटीजर कॉन्स्टेंट 0 से 9 तक के डिजिट का समूह होता हैं। जिसे (-) नेगेटिव या (+) पजिटिव
चिन्हो के साथ उपयोग किया जाता हैं। जैसे –
123 -321
0 654321 +87
अमान्य
डेसिमल इंटीजर कॉन्स्टेंट – 12,345
12&2324 345+ 12_121
ओक्टल
कॉन्स्टेंट : ओक्टल
कॉन्स्टेंट 0 से 7 तक के डिजिट का समूह होता हैं। जिसमे प्रारम्भिक संख्या हमेशा 0
होगा। ओक्टल कॉन्स्टेंट का उदाहरण निम्न हैं।
037
0 0453 056
हेक्साडेसिमल
कॉन्स्टेंट : हेक्साडेसिमल
कॉन्स्टेंट 0 से 9 तक डिजिट तथा a से f तक का अल्फबेट का समूह होता हैं। लेटर a से f तक के अल्फबेट 10 से 15 तक की संख्या को प्रदर्शित
करते हैं। परंतु यह ध्यान रहे की हेक्साडेसिमल संख्या के आंगे 0x या 0X जरूर लिखा जाता हैं जिससे यह पता चलता हैं की
यह हेक्साडेसिमल संख्या हैं।
रियल
कॉन्स्टेंट :
रियल
कॉन्स्टेंट इंटीजर संख्या से भिन्न होते हैं, इंटीजर संख्या बिना दशमलव के होती हैं। जबकि रियल कॉन्स्टेंट दशमलव
युक्त संख्या होती हैं। जैसे – 15.23 56.34
आदि। रियल नंबर को फ्लोटिंग पॉइंट नंबर भी कहते हैं। ये रियल नंबर को exponent
notation मे भी प्रदर्शित (expressed) किया जा
सकता हैं। जिसे साइंटिफिक नोटेशन भी कहते हैं। माना हमारे पास एक दशमलव युक्त संख्या
हैं 215.65 अगर हम इसे exponent notation मे लिखे तो इस तरह से
लिखेंगे- 2.1565e2, यहाँ पर e2 का मतलब
102 का गुना 2.1565 से करना होगा।
mantissa e exponent
e के पहले वाले क्षेत्र को मेंटीसा (mantissa) कहते हैं
जबकि बाद वाले क्षेत्र को एक्स्पोनेंट (exponent) कहते हैं। मेंटीसा
मे दशमलव (real) या बिना-दशमलव (integer) संख्या हो सकती हैं। जबकि एक्स्पोनेंट मे केवल बिना-दशमलव संख्या होती हैं
जिसके आंगे (+) पाजीतिव या (-) निगेटिव का चिन्ह लगा होता हैं। e मेंटीसा और एक्स्पोनेंट को अलग अलग करने के लिए उपयोग मे लाया जाता हैं इसे
छोटा e या बड़ा E से प्रदर्शित कर सकते हैं।
exponential notation का प्रयोग जब करते हैं जा रियल नंबर काफी बड़ा
होता हैं जैसे लाखो, करोड़ो मे तब संख्या को छोटे फार्म मे लिखने
के लिए इस notation का प्रयोग किया जाता हैं।
सिंगल
कैरेक्टर कॉन्स्टेंट :
सिंगल
कैरेक्टर कॉन्स्टेंट मे केवल कोई भी कैरेक्टर या डिजिट का उपयोग किया जा सकता हैं पर
इनकी संख्या सिर्फ एक ही होनी चाहिए तथा इन्हे सिंगल कोट(‘) से बंद किया होना चाहिए
एसे मान(वैल्यू) सिंगल कैरेक्टर कहलाते हैं। जैसे – ‘2’ ‘a’ ‘%’ आदि सब सिंगल कैरेक्टर कॉन्स्टेंट हैं।
एक बार
नीचे बिन्दुओ को ध्यान से जरूर पढे जिससे आपको पता चलेगा की आखिर किनहे हम सिंगल कैरेक्टर
कह सकते हैं।
1 – कोई
भी अल्फबेट, कोई
भी स्पेशल कैरेक्टर या डिजिट सिंगल कैरेक्टर कॉन्स्टेंट हो सकते हैं।
2 – सिंगल
कैरेक्टर मे केवल एक ही अक्षर ही प्रयोग किया जाएगा।
3 – प्रयोग
किया जा रहा वह एक अक्षर सिंगल कोट से बंद होगा जैसे – ‘a’ या ‘4’ या ‘$’
4 – याद रखे अगर आप किसी डिजिट को बिना सिंगल कोट के लिखेंगे तो वह संख्या कहलाएगा जबकि सिंगल कोट मे लिखने से वह अक्षर कहलाएगा।
4 और ‘4’ दोनों अलग वैल्यू हैं।
स्ट्रिंग
कॉन्स्टेंट :
स्ट्रिंग
कॉन्स्टेंट एक या एक से ज्यादा अक्षरो का समूह होता हैं जिसे डबल कोट (“”) से बंद किया
जाता हैं। अगर किसी कैरेक्टर को सिंगल कोट से बंद करे तो वह सिंगल कैरेक्टर तथा डबल
से बंद करे तो वह स्ट्रिंग कहलाता हैं। स्ट्रिंग कॉन्स्टेंट मे एक कैरेक्टर भी उपयोग
हो सकता है। तथा एक से ज्यादा कैरेक्टर भी उपयोग हो सकते हैं। जैसे “a” “ajeet006” “007james” आदि।
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