बेसिक
स्ट्रक्चर ऑफ सी प्रोग्राम
बेसिक स्ट्रक्चर ऑफ
सी का तात्पर्य, किसी प्रोग्राम सीख रहे
प्रोग्रामर को सी प्रोग्राम को बनाने के लिए, कुछ जरूरी
सेक्शन के बारे मे बताना हैं, की सी प्रोग्राम के किस सेक्शन
मे किस प्रकार की प्रोग्राममिंग सामाग्री रखी जा सकती हैं। सी प्रोग्राममिंग भाषा
मे कुछ प्रोग्रामिंग वस्तु के लिए एक नियत स्थान निर्धारित किया गया हैं जिसका
पालन करना अनिवार्य हैं अन्यथा प्रोग्राम मे त्रुटियाँ हो सकती हैं।
नीचे दिये चित्र के
अनुसार देखते हैं की प्रोग्राम लिखने के लिए कितने सेक्शन का प्रयोग किया जा सकता
हैं, और उनकी क्या उपयोगिता
हैं।
डाकूमेंटेशन
सेक्शन (Documentation Section) :
सी प्रोग्राम को कई
सेक्शन मे बांटा गया हैं, डाकूमेंटेशन सेक्शन (Documentation Section) जो प्रोग्राम के सबसे ऊपर होता हैं । इस
सेक्शन मे प्रोग्रामर प्रोग्राम से संबधित जानकारी दे सकता हैं जैसे
1 प्रोग्राम किसने
बनाया हैं
2 प्रोग्राम क्यो
बनाया गया हैं
3 प्रोग्राम किस
दिनांक को बनाया गया हैं
4 प्रोग्राम से
संबन्धित कोई भी आवश्यक जानकारी यहाँ लिखी जा सकती हैं।
लिंक
सेक्शन (Link Section)
लिंक सेक्शन मे
प्रोग्रामर बाहरी फ़ाइल को अपने वर्तमान प्रोग्राम मे सम्मालित कर सकता हैं। जिसमे
प्रमुख्य रूप से हेडर फ़ाइल को लिंक किया जाता हैं। हेडर फ़ाइल एक प्रकार की फ़ाइल
होती हैं, जो सी भाषा मे पहले से
बने फंक्शन (बिल्ट इन फंक्शन) की परिभाषा को संग्रहीत करते हैं। और जब भी हम किसी
फंक्शन का उपयोग अपने प्रोग्राम के करते हैं तो हमे उस फंक्शन से संबन्धित हेडर
फ़ाइल को लिंक सेक्शन मे लिंक करना चाहिए। जैसा की नीचे दर्शाया गया हैं।
डेफ़िनेशन
सेक्शन (Definition Section) :
इस सेक्शन के
अंतर्गत हम कोंसटेंट को परिभाषित करते हैं, जिन्हे माइक्रो के नाम से भी जाना जाता हैं। जो पूरे प्रोग्राम मे एक्सैस
किए जा सकते हैं। इसको बनाने के लिए प्री-प्रोसेससर सिंबल का इस्तेमाल करते हैं। जैसा
की नीचे दर्शाया गया हैं।
ऊपर दिये चित्र मे दिख
रहा लाल बॉक्स डेफ़िनेशन सेक्शन के बारे मे बता रहा हैं जहां हमने एक कंसटेंट का निर्माण
किया हैं जिसका नाम Rate हैं और उसे हमने 0.12
वैल्यू दिया हैं, जो अब पूरे प्रोग्राम मे नहीं बदलेगी।
ग्लोबल डिक्लारेशन सेक्शन [Global Declaration Section]
ग्लोबल डिक्लारेशन
सेक्शन मे ग्लोबल वेरिएबल और यूजर फंक्शन की घोषणा की जाती हैं। प्रोग्राम को जब
भी किसी ऐसे वेरिएबल की आवश्यकता होती हैं जिसे वह प्रोग्राम के किसी भी फंक्शन से
एक्सैस कर सके तब प्रोग्रामर को ऐसे वेरिएबल को ग्लोबल डिक्लारेशन सेक्शन मे
परिभाषित करना चाहिए।
लाल बॉक्स ग्लोबल डिक्लारेशन
सेक्शन को दर्शा रहा हैं जहां हमने एक ग्लोबल वेरिएबल तथा एक यूजर-डिफ़ाइन फंक्शन की
घोषणा की हैं।
मेन फंक्शन सेक्शन [main() Function Section]
मेन फंक्शन सेक्शन सी
प्रोग्रामिंग का सबसे महत्वपूर्ण सेक्शन हैं। सी प्रोग्राम बिना मेन फंक्षन के नहीं
रन होता हैं इसलिए जब भी सी भाषा मे प्रोग्राम बनाए तो उसमे मेन फंक्शन होना जरूरी
हैं जिसे मेन फंक्शन सेक्शन मे लिखा जाता हैं। जब भी आप सी मे बने प्रोग्राम को क्रियान्वित
करेने तो कंपाइलर ऑटोमैटिक मेन फंक्शन को ही क्रियान्वित करता हैं और अगर उस प्रोग्राम
मे मेन फंक्शन नहीं तो तो प्रोग्राम एर्र संदेश प्रदर्शित कर प्रोग्रामर को सचेत करता
हैं।
मेन फंक्शन के अंदर
दो सब पार्ट मे बांटा गया हैं
1- डिक्लारेशन पार्ट (घोषणा भाग)
2- एक्स्कूटेबल पार्ट (क्रियान्वयन भाग)
डिक्लारेशन पार्ट (घोषणा
भाग) मे हम लोकल वेरिएबल को परिभाषित करते हैं। जिन्हे हमे अपने मेन फंक्शन के अंदर
उपयोग करना होता हैं। जबकि एक्स्क्युटेबल पार्ट (क्रियान्वयन भाग) मेन फंक्शन का वह
भाग होता हैं जहां पर प्रोग्राम, उपलब्ध
कराये गए डाटा को प्रोसेस या क्रियान्वित करता हैं। जैसा की नीचे चित्र मे दिखाया गया
हैं।
ऊपर दिये गए लाल निशान
डिक्लारेशन पार्ट को दर्शा रहा हैं जबकि पीला बॉक्स एक्सक्यूशन पार्ट को दर्शा रहा
हैं।
सब-प्रोग्राम सेक्शन (Subprogram Section) :
सी प्रोग्राम मे अगर
आप यूजर परिभाषित फंक्शन का प्रयोग करना चाहते हैं तो यूजर परिभाषित फंक्शन को परिभाषित
इसी सेक्शन मे किया जाता हैं। सब प्रोग्राम सेक्शन मेन फंक्शन सेक्शन के एक डैम नीचे
होता हैं। यहाँ पर आप यूजर फंक्शन को परिभाषित कर सकते हैं। जैसा की निच्छे दिये चित्र
मे दर्शाया गया हैं।
अब पूरे प्रोग्राम को
एक साथ देख कर ऊपर दिये विवरण और नीचे दिये प्रोग्राम के सेक्शन मेल करे, आप पाएंगे की जैसे ऊपर सेक्शन के बारे मे विवरण हुआ हैं ठीक वैसे
ही प्रोग्राम मे हर सेक्शन का उपयोग किया गया हैं।
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