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Wednesday, 17 February 2016

Overview of C and History

सी प्रोग्राममिंग :-




सी एक कम्प्युटर भाषा हैं। जिसका प्रयोग हर व्यक्ति नहीं करता बल्कि जो कम्प्युटर को पढ़ते हैं वही करते हैं और उन्हे प्रोग्रामर कहा जाता हैं। सी भाषा कई कम्प्युटर भाषाओ मे से एक प्रमुख्य भाषा हैं जिसे कम्प्युटर समझता हैं। इस भाषा का प्रयोग कर प्रोग्रामर कम्प्युटर को निर्देश देता हैं।  कम्प्युटर उस निदेश को पढ़ने के बाद क्रियान्वित करता हैं।

जैसे एक मालिक अपने नौकर को गाड़ी धोने का मौखिक निर्देश देता हैं जिसके बाद वह नौकर गाड़ी धोने लगता हैं। निर्देश देना के लिए मानवी भाषा का उपयोग किया जाता हैं।

जबकि कम्प्युटर मे निर्देश देने के लिए कम्प्युटर की भाषा का उपयोग करते हैं जिसे लिखने के लिए अँग्रेजी अक्षर और शब्दो का इस्तेमाल किया जाता हैं।
जैसे हिन्दी भाषा को बोलने के लिए हिन्दी का व्याकरण का ज्ञान होना जरूरी हैं। ठीक इसी प्रकार कम्प्युटर भाषा को सीखने के लिए कम्प्युटर भाषा के व्याकरण का ज्ञान होना जरूरी हैं। जिससे हम इस बूक के माध्यम से सीखेंगे।

सी भाषा का परिचय

सी सुनने मे यह अँग्रेजी वर्ण माला के तीसरे अक्षर स प्रतीत होता हैं पर यह सुनने मे जितना ही सरल और सुलभ हैं इसका इतिहास उतना ही रोचक हैं। आज सी भाषा एक महत्व पूर्ण भाषा हैं जिसके ज्ञान के बिना आज भारत मे कोई भी कम्प्युटर साइन्स का विद्यार्थी आंगे की शिक्षा नहीं ले सकता। इस भाषा का जो प्रमुख गुण है जिसने इसे अभी तक महत्व पूर्णा भाषा के रूप मे इसके कद को अभी तक बनाए हुये हैं, वह हैं, इस भाषा का स्ट्रक्चर्ड, हाइ लेवेल और मशीन इंडिपेंडेंट होना हैं।

यहा भाषा एक तरह से मिडिल लेवेल भाषा की तरह कार्य करती हैं क्यूंकी जितनी सुलभ यह प्रोग्रामर के लिए प्रोग्राम बनाने मे हैं क्यूंकी इसमे हमे कोई बाइनरि कोडेड कोई इन्सट्रक्शन या कमांड याद नहीं याद रखने होते हैं इस प्रोग्राममिंग मे जो भी ओप्रेसन करना होता हैं वह उनही सिम्बल के माध्यम से करते हैं जिनहे हम अपने वास्तविक जीवन मे प्रयोग करते हैं।

उदाहरण के लिए : जोड़ करने के लिए + का प्रयोग करते हैं। आउटपुट के लिए print का प्रयोग करते हैं तो ऐसे ही सबदों का प्रयोग कर के हम सी मे आसानी से प्रोग्राम बानसकते हैं और कमांड या इन्सट्रक्शन हमे याद रखने की कोई आवश्यकता नहीं होती हैं।

इस प्रकार कम्प्युटर को प्रोग्रामर द्वारा बनाए प्रोग्राम समझने मे कोई दिक्कत नहीं होती हैं इसलिए सी भाषा कम्प्युटर मशीन के लिए मशीन भाषा की तरह कार्य करती हैं और प्रोग्रामर के लिए हाइ लेवेल की तरह कार्य करती हैं इसलिए इसे आम तौर पर मध्य स्तर की भाषा कहते हैं।

सी प्रोग्राममिंग एक प्रकार की भाषा हैं जिसे कम्प्युटर मे स्थित प्रॉसेसर समझ सकता हैं। जिस प्रकार दो आदमी अपनी भावनाओ को समझने के लिए हिन्दी, अँग्रेजी, या उर्दू जैसी भाषा का प्रयोग करता हैं।
 
उसी प्रकार जब किसी प्रोग्रामर को अपना कोई विशेष कार्य कम्प्युटर से करना होता हैं तब हमे कम्प्युटर भाषाओ की अवश्यता होती हैं।
 
कम्प्युटर की दुनिया मे कई भाषाओ का प्रयोग होता हैं।  जिस प्रकार वास्तविक दुनिया मे कई भाषयों का प्रचालन हैं पर हर भाषा का अपना एक महत्व होता हैं और उसके उपयोगकर्ताओ का भी एक वर्ग होता हैं।  जैसे भारतीय हिन्दी, पंजाबी, गुजरती इत्यादि भाषाओ का प्रयोग करते हैं। पर इटली के निवासी इटालियन भाषा का प्रयोग करते हैं। फ्रांस के लोग फ़्रांसी भाषा का प्रयोग करते हैं।
 
उसी प्रकार कम्प्युटर भाषा भी कई होती हैं पर उसके प्रयोग कर्ता और प्रयोग मे भिन्नता होती हैं।

सी प्रोग्राममिंग भाषा का इतिहास :-

सी प्रोग्रामिंग पहली बार 1972 मे प्रकाश मे आई थी और इसके जनक डेनिस रिची हैं। हालाकी इस प्रोग्राममिंग भाषा का विकास प्रोग्रामिंग भाषा के रूप मे नहीं किया गया था। इसका विकास यूनिक्स नाम के ऑपरेटिंग सिस्टम को बनाने के लिए किया गया था।

इन भाषा मे मौजूद फीचर्स ने इसे इतना प्रसिद्ध कर दिया की कई प्रोग्रामरो ने इस भाषा मे प्रोग्रामिंग करना प्रारम्भ कर दिया। वर्तमान मे इसके कई वर्जन मौजूद हैं जिसमे “टर्बो सी” और “आन्सी” कंपाइलर के वर्जन बहुत लोकप्रिय हैं जिनहे भारत मे कालेज और विश्वविद्यालयो द्वारा शिक्षा के लिए प्रयोग किए जाते हैं।

सी भाषा के पहले मौजूद दूसरी भाषा

सी भाषा 1972 मे प्रकाश मे आई थी। इसका विकास करने का श्रेय श्री मान डेनिस ऋचे को जाता हैं।  इस भाषा का विकास बेल प्रयोगशाला मे हुया था यही पर डेनिस आईबीएम के लिए कार्य किया करते थे।  सी भाषा से पहले और दूसरी भी भाषा का अस्तित्व हुया करता था जिसमे सुधार और विकास करने के परिणाम स्वरूप सी भाषा का जन्म हुया।  माना जाता हैं की कम्प्युटर की दुनिया मे algol भाषा सभी कम्प्युटर भाषयों की मात्र भाषा है। algol भाषा 1960 मे परकास मे आयी थी और यह कम्प्युटर की पहली भाषा थी जो ब्लॉक स्ट्रक्चर का प्रयोग कर के जिसमे प्रोग्राममिंग की जा सकती थी। सन 1967 मे मार्टिन रिचर्ड ने एकनाई भाषा का विकास किया जिसका नाम BPCL था। इसका पूरा नाम था Basic Combined Programming Language इसके बाद केन थॉमप्सन ने इस भाषा मे थोड़े सुधार कर के इस भाषा का पुनर परिभाषित का एक नई भाषा का विकाश किया था। केन थोम्पसन ने इस भाषा का नाम B रखा था। इसके बाद डेनिस रीचे ने सी भाषा का विकाश किया था जिसमे ALGOL , BASIC और B के गुणो का मिला जुला रूप था।

निम्न अब हम एक चित्रा देखेंगे जो हमे सभी भाषायो का विकास क्रम दिखाएगा और उनके उदय वर्ष और उस वर्ष के विकास पुरुष के बारे मे जानकारी देगा।

1960
ALGOL
International Group
1967
BPCL
Martin Richards
1970
B
Ken Thompson
1972
Traditional C
Dennise Ritche
1978
K&R C
Kernighan and Ritchie
1989
ANSI C
ANSI Committee
1990
ANSI / ISO C
ISO Committe
1999
C99
Standardization Comm.



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